Aurangabad Train Accident
हम न बचे पर शायद हमने
मौत तुम्हारी गले लगाई….
जरा सोचिये ! पल भर को कल्पना कीजिये !खुद को उस मजदूर की जगह पर रख कर देखिये!
To find more, read this
हम न बचे पर शायद हमने
मौत तुम्हारी गले लगाई….
जरा सोचिये ! पल भर को कल्पना कीजिये !खुद को उस मजदूर की जगह पर रख कर देखिये!
To find more, read this
आज कुछ सुकून है
शांति थोड़ी ज्यादा है
गाड़ियों का धुआँ कम है
सड़क पर सन्नाटा ज्यादा है…
To read full poem on Quarantined Life, Do check the poem