
जब तेरा हाथ है! काफी है..!
सारे जग से अब क्या करना
जब तेरा साथ है! काफी है..!
हम किसी और का थामें क्यों
जब तेरा हाथ है! काफी है..!
अब डरने जैसी बात नहीं
जब तेरा साथ है! काफी है..!
सब राह फतह होंगी अपनी
जब तेरा हाथ है! काफी है..!
अब कोई कहानी हो न हो
बस तेरा साथ हो! काफी है..!
अब कोई निशानी हो न हो
बस तेरा हाथ हो! काफी है..!
जब सभी सहारे अटके हों
बस तेरा साथ हो! काफी है..!
हम किसी किनारे भटके हों
बस तेरा हाथ हो! काफी है..!
©पराग पल्लव सिंह