Bhagwan Se Baatcheet
फलाँ हादसे में फलाँ मजदूरों की मौत। बस इस तरह खबर बदल रही है। न आप बदल रहे, न हालात बाद रहे और न ही हम।
पढ़िए ऐसी ही एक कविता “भगवान से बातचीत”।
फलाँ हादसे में फलाँ मजदूरों की मौत। बस इस तरह खबर बदल रही है। न आप बदल रहे, न हालात बाद रहे और न ही हम।
पढ़िए ऐसी ही एक कविता “भगवान से बातचीत”।
बन बैठे आदर्श गाँव पर खो बैठे सच्चाई
गाँव बदल गए भाई मेरे गाँव बदल गए भाई।
This is the reality of modern time villages . Read the poem to know more about it.
हम न बचे पर शायद हमने
मौत तुम्हारी गले लगाई….
जरा सोचिये ! पल भर को कल्पना कीजिये !खुद को उस मजदूर की जगह पर रख कर देखिये!
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इस कविता के माध्यम से समझें कि कैसे एक ही वस्तु या क्रिया हर व्यक्ति के लिए एक अलग आशय रखती है।
किसी के लिए सुखकारी , किसी के लिए साधारण ,और किसी किसी के लिए एक विषमता का रूप बनकर प्रकट होती है ये “आँधी “।